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आरक्षण पर ट्वीट कर घिरे रामविलास पासवान, बोली कांग्रेस- नीयत साफ है तो इस्तीफा दें केंद्रीय मंत्री

पटना (जागता हिंदुस्तान) आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ताजा टिप्पणी के बाद एक बार फिर इसका जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। वहीं, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बयान के अब विपक्षी दल उन्हें घेर रहे हैं और साल 2002 की याद दिलाते हुए इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं।

इसी क्रम में बिहार युवा कांग्रेस के नेता ललन कुमार ने कहा कि अगर आरक्षण के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की नीयत साफ है तो उन्हें तुरंत मंत्रीपद से इस्तीफा देकर एनडीए से उसी तरह नाता तोड़ लेना चाहिए जैसा उन्होंने 2002 में गोधरा मामले के बाद किया था। ललन कुमार ने कहा कि भाजपा की साजिश है कि आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए, लेकिन जब तक कांग्रेस पार्टी है तब तक ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर रामविलास पासवान आरक्षण के मुद्दे पर इस्तीफा देते हैं तो समूचा विपक्ष और जनता उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होगी।

गौरतलब है कि केन्द्री मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर कहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी सभी राजनैतिक दलों से ये मांग करती है कि पहले भी आप सभी इस सामाजिक मुद्दे पर साथ देते रहे हैं, फिर से इकठ्ठा हों। उन्होंने कहा कि बार बार आरक्षण पर उठने वाले विवाद को समाप्त करने के लिए आरक्षण संबंधी सभी कानूनों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मिलकर प्रयास करें।

वहीं, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस मसले पर बयान देते हुए कहा कि मोदी सरकार और भाजपा आरक्षण के प्रति पूरी तरह से कटिबद्ध है। सामाजिक न्याय के प्रति हमारी वचनबद्धता अटूट है। भाजपा आरक्षण व्यवस्था के साथ है।

गौरतलब है कि NEET पोस्ट ग्रेजुएशन रिजर्वेशन मामले में टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है। NEET मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

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