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Lockdown : मनरेगा मजदूरों को 6 माह का वेतन मिले- पप्पू यादव

पटना (जागता हिंदुस्तान) “जल्दबाजी में बिना किसी तैयारी के लागू किए गए लॉकडाउन का सबसे बुरा असर गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा हैं। अपने घर से दूर बाहरी राज्यों में फंसे मजदूरों पर जीवित रहने का संकट आ गया हैं। जो कुछ कैंप सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं वहां भोजन की गुणवत्ता निम्न स्तर की है तथा साफ पानी और बिजली भी उपलब्ध नहीं हैं” उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपनी ‘दिल की बात’ कार्यक्रम के दौरान कही। जाप अध्यक्ष फेसबुक पर लाईव होकर जनता से संवाद कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि “मैैं अपना पूर्णिया का जमीन बेचकर भी मजदूरों की मदद करने के लिए तैयार हूूं।” जाप अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि, “मनरेगा के तहत कामगारों को 300 रूपये प्रतिदिन मजदूरी मिलनी चाहिए तथा छः माह का वेतन उनके बैंक खाते में जमा कराया जाना चाहिए। हजारों बिहारी मजदूर दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में फंसे हुए हैं। उन सब को विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनके घर पहुंचाया जाए। नहीं तो ये मजदूर कोरोना वायरस से पहले भूख से मर जाएंगे।”

ऐंबुलेंस न मिलने के कारण जहानाबाद में हुए तीन वर्षीय बच्चे की मौत का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि, “एक असहाय मां अपने बच्चे को लेकर चिल्लाती रहती है। लेकिन फिर भी उसे पीएमसीएच जाने के लिए ऐंबुलेंस नहीं दिया जाता और बच्चा मां की गोद में दम तोड़ देता है। यह घटना सरकार के ऊपर एक धब्बा है।” उन्होंने कहा कि, “जांच किट की कमी के कारण राज्य में पर्याप्त संख्या में जांच नहीं हो पा रही है। राज्य सरकार इसमें पूरी तरह से विफल रही है। अभी तक मात्र पांच हजार जांच हुए हैं बिहार में जिसे बढ़ाकर 50,000 बता रहे है सुशील कुमार मोदी। सुशील मोदी गलत जानकारी दे रहे है। उन्हें यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि वे इस महामारी से निपटने में अक्षम है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”

पप्पू यादव ने केंद्र से बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं मिला। लेकिन इस विषम परिस्थिति में विशेष पैकेज तो जरूर मिलना चाहिए।

पप्पू यादव ने कहा कि, “किसान सम्मान निधि से सिर्फ उन किसानों को फायदा होगा जिनके पास जमीन है। लेकिन भूमिहीनों, बट्टाधारियों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों की मदद कैसे होगी? देश की 70% आबादी असंगठित क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। इन सब के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई हैं। रबी फसल तैयार है लेकिन कटाई नहीं हो रही है। प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस सब चीजों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए तथा जल्द से जल्द इनका समाधान किया जाना चाहिए।”

अंत में पप्पू यादव ने लोगों से अपील की कि वे मास्क का उपयोग करें। “मुठ्ठी भर दान, गरीबों की मुस्कान” का नारा देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग सक्षम हैं वो जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराएं। उन्होंने भोजन उपलब्ध करा रहे ऐसे लोगों, आशा बहन और जीविका दीदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि, “आपलोगों की वजह से ही इंसानियत बची हुई है। गरीबों और मजदूरों की मदद के लिए मैं आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ।”

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