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सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक लगायी रोक, 8 राज्यों और केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

सेंट्रल डेस्क (जागता हिंदुस्तान) पैगंबर मोहम्मद पर बयान देकर विवादों में घिरी भाजपा के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने 10 अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। कोर्ट ने 8 राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान नूपुर के वकील ने कहा कि उनके जान को खतरा है। पटना से लेकर पाकिस्तान तक उनके मारने की साजिश का खुलासा हुआ है।

अदालत अगली सुनवाई के दौरान सभी केस ट्रांसफर करने पर भी विचार कर सकती है। नूपुर के वकील ने ये मामले दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की बात सुनवाई के दौरान कही है। मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बी पारदीवाला की बेंच में हुई है।

आर्टिकल 21 बना राहत का आधार
कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडवोकेट मानवेंद्र सिंह ने कहा कि आर्टिकल-21 के आधार पर नूपुर को राहत मिले। उन्होंने इसके लिए अजमेर के खादिम चिश्ती के वीडियो समेत कई मामलों का जिक्र किया, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। जज ने पूछा- क्या ऐसा अभी हुआ है?

पढ़िए, सुनवाई के दौरान कोर्ट में किसने क्या कहा…

सुप्रीम कोर्ट: जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि क्या हम यह सही समझ रहे हैं कि आप अपनी चॉइस के एक स्थान पर सुनवाई चाहते हैं। क्या आप दिल्ली हाईकोर्ट जाना चाहते हैं?
नूपुर के वकील: एडवोकेट मानवेंद्र सिंह ने कहा कि जी, हम यही चाहते हैं। दिल्ली में पहली FIR हुई है। यही कानून भी कहता है कि जहां पहली FIR दर्ज हुई हो, वहीं पर सुनवाई हो। आपके पिछले आदेश के बाद कुछ डेवलपमेंट हुए हैं। गंभीर खतरे हैं।

रिपोर्ट्स हैं कि पाकिस्तान से एक आदमी आया था। कुछ लोगों को पटना से भी गिरफ्तार किया गया है। जहां पहली FIR दर्ज हुई है, वहीं पर बाकी मामले क्लब कर दिए जाते हैं। दूसरी बात ये कि कोई भी दंडात्मक कदम नहीं उठाने की राहत दी जाती है।
सुप्रीम कोर्ट: ये तो हमारी भी मंशा है कि आप हर जगह नहीं जाएं। हम देखेंगे कि आगे क्या विकल्प हो सकता है?

नूपुर शर्मा की नई याचिका में क्या था?
नूपुर की ओर से दाखिल नई याचिका में कहा गया है कि कोर्ट की टिप्पणी के बाद उनकी जान का खतरा और अधिक बढ़ गया। ऐसे में उनके खिलाफ 8 राज्यों में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तारी से राहत दी जाए। याचिका में केंद्र के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और असम को पक्ष बनाया गया है।

कोलकाता पुलिस कर चुकी है लुकआउट नोटिस जारी
2 जुलाई को ही कोलकाता पुलिस नूपुर शर्मा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है। अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने में दर्ज FIR पर नूपुर पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई थीं, जिसके बाद नोटिस जारी किया गया था। वहीं महाराष्ट्र और तेलंगाना पुलिस भी नूपुर से पूछताछ करना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नूपुर शर्मा ने याचिका दाखिल कर राहत की मांग की थी, जिससे कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी भी की थी। कोर्ट ने कहा- ‘आपके चलते देश की स्थिति बिगड़ी हुई है। आपने देर से माफी मांगी, वह भी शर्त के साथ कि अगर किसी की भावना आहत हुई हो तो बयान वापस लेती हूँ। आपको राष्ट्रीय टीवी पर आकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’

दिल्ली पुलिस पर भी उठाया था सवाल
नूपुर के वकील कोर्ट में सभी केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग कर रहे थे, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कामकाज पर ही सवाल उठा दिया था। कोर्ट ने कहा था- दिल्ली में दर्ज FIR में क्या कार्रवाई हुई है? यहां तो शायद आपके लिए पुलिस ने रेड कार्पेट बिछा रखा है? आप हर राज्य की हाई कोर्ट में जाकर अपनी बात रखिए, निचली अदालत से जमानत लीजिए।

भाजपा ने की थी नूपुर शर्मा पर कार्रवाई
27 मई को एक टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा ने पैगंबर पर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद देशभर में उनके बयान का विरोध शुरू हो गया। वहीं कुछ इस्लामिक देशों ने भी आपत्ति जताई। इधर, भाजपा ने नूपुर के बयान से खुद को किनारा कर लिया और उन्हें पार्टी से निकाल दिया।

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