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लालू प्रसाद के ‘सेर’ पर सुशासन बाबू ने खड़े किए ‘डेढ़ सेर’ अपराधी- पप्पू यादव

पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है। इसी क्रम में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के दावे पर बड़ा हमला किया है। पप्पू यादव ने बुधवार को राजधानी पटना के दानापुर, सगुना मोड़ और पटना सिटी क्षेत्र में हुई हत्या के मामले को लेकर नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया। पप्पू यादव ने सीधे तौर पर कहा है कि राजा सुप्रीमो लालू प्रसाद के शासनकाल में रहे छोटे-मोटे चोर नीतीश सरकार में बड़े माफिया बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के शेर के मुकाबले में सुशासन बाबू ने ‘सवा सेर’ और ‘डेढ़ सेर’ अपराधी खड़े कर दिए हैं। पप्पू यादव ने कहा कि सुशासन बाबू ने अपने अपराधी विधायकों की बदौलत हर जिले में जनता के खजाने पर कब्जा जमा लिया है। पप्पू यादव ने यह बात है जन अधिकार पार्टी (लो) की कार्यकारिणी बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कही है।

जाप सुप्रीमो ने आगे कहा कि सिर्फ सुशासन का राग अलापने से कानून व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो जाती। हर रोज़ हत्या, बलात्कार, लूट की खबरें सामने आ रही है। अपराध का ग्राफ लगतार बढ़ता जा रहा है। राजधानी पटना में व्यापारी वर्ग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता। दूसरे जिलों की बात तो छोड़ ही दीजिए। उन्होंने कहा कि 15 साल में बिहार पूरी तरह से रेपिस्ट बिहार बन गया। एक दिन में 40 बलात्कार हो रहे हैं। पति के सामने पत्नी, बाप के सामने बेटी और भाई के सामने बहन को उठाया जा रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि यदि हम इस बार सत्ता में आते हैं तो हमारी तीन मुख्य प्राथमिकताएं होगीं।

  1. बेटियां रात के बारह बजे भी निर्भीक होकर घूम सकेंगी।
  2. राज्य से पलायन नहीं होगा।
  3. अपराधियों का डर और खौफ ख़त्म होगा।

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2015 के चुनाव में वोट चाहिए था तो नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से गठबंधन कर लिया और अब 15 साल के जंगल राज का डर दिखा रहे हैं। क्या उस वक्त नहीं मालूम था कि लालू प्रसाद के राज में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा था? नीतीश कुमार को सिर्फ सत्ता की चाहत है। इसके लिए वो किसी भी पार्टी से गठबंधन कर सकते हैं। उन्होंने गरीबों और मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान उनके हाल पर छोड़ दिया। मजदूरों के पास न अनाज था और न ही पैसे। फिर भी उनकी चिंता नहीं की।

उन्होंने कहा कि चाहे चमकी बुखार हो या पटना में जलजमाव, सीएए-एनआरसी का विरोध करना हो या लॉकडाउन के दौरान गरीब जनता के बीच राशन बांटना हो। हमारी पार्टी हर मुसीबत में लोगों के बीच रही और करोड़ों लोगों की मदद की। इन बुरे हालातों में सत्ता पक्ष के नेता तो गायब रहे ही साथ ही विपक्ष के नेता भी अपने-अपने घरों में कैद रहें।

इस बैठक में जाप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष अखलाक अहमद, राष्ट्रीय महासचिव एज़ाज अहमद, प्रेमचंद सिंह, राजेश रंजन पप्पू, प्रदेश प्रधान महासचिव सूर्यनारायण सहनी, अवधेश कुमार लल्लू, राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा तथा बिहार के सभी 38 जिलों के पार्टी जिलाध्यक्ष मौजूद रहें।

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