राज्य एवं केन्द्र सरकार नहीं चाहती कि बिहारी श्रमिक अपने घर पहुंचे- राठौड़
पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने प्रवासी श्रमिकों के बिहार लाने के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार तथा राज्य कि नीतीश सरकार की नीयत पर पर प्रश्न खड़े किए हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस अनुपात से प्रवासी श्रमिक बिहार पहुंच रहे हैं,अगर क्रम यही रहा तो कितने महीनों तक प्रवासी श्रमिकों का आने का सिलसिला चलता ही रहेगा।उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार जान-बूझकर उचित मात्रा में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नहीं चला रही है। दरअसल,केंद्र सरकार चाहती है कि श्रमिक कम मात्रा में अपने प्रदेश पहुंचे। ताकि उन्हें चंदा देने वाली औद्योगिक ताकतों का कार्य बदस्तूर जारी रहे।कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मामले को लेकर बिहार के नीतीश सरकार को भी नहीं बख्शा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी नहीं चाहती कि प्रवासी श्रमिक जल्द से जल्द अपने घरों में वापस लौटें।क्योंकि 15 वर्षों के नीतीश- सुशील सरकार में राज्य सरकार की व्यवस्थाएं इतनी गर्त में पहुंच चुकी हैं, की आने वाले लोगों को प्रशासनिक रूप से व्यवस्थित कर क्वॉरेंटाइन करना तथा उनके जीवनयापन का व्यवस्था करना राज्य सरकार के बूते से बाहर की बात है। बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि करीब 25 लाख से अधिक की संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार के बाहर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं।जहां कांग्रेस की सरकार है वहां तथा जहां कांग्रेस की सरकार नहीं है वहां भी स्थानीय कांग्रेस कमेटी के द्वारा खर्च वहन कर प्रवासी श्रमिकों को बिहार भेजे जाने का क्रम जारी है। मगर इसके बावजूद उन्हें ना तो बिहार सरकार का सहयोग मिल रहा है और ना ही केंद्र सरकार का।उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार तथा राज्य की नीतीश सरकार की इच्छाशक्ति बुलंद होती तो बहुत ही आसानी से राज्य के सभी जिलों के लिए दो-दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती थी। साथ ही राज्य के प्रमुख रेलवे केंद्रों तक दर्जनों श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का प्रतिदिन ठहराव भी सुनिश्चित किया जा सकता था।
राठौड़ ने कहा कि ऐसा इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि उद्योगपतियों को नुकसान ना हो। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की सरकार गरीब- मजदूरों की पीड़ा को दरकिनार कर उद्योगपतियों के जेब भरने में मशगूल है।