आज रात 9 बजे से 9 मिनट हैं खतरनाक, 48 घंटों तक पूरा देश हो सकता है ‘ब्लैकआउट’
पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी के खिलाफ पूरे देश में एकजुटता को प्रदर्शित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल यानी आज रात 9 से 9 मिनट तक घर की तमाम लाइटें बंद कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर कोरोना के अंधकार को चुनौती देने का आह्वान किया है।
इस मामले को लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रही है। विपक्ष प्रधानमंत्री के इस आह्वान पर पूरी तरह से हमलावर है। इसी क्रम में बिहार कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने जो 9 मिनट लाइट बंद करने की बात समूचे देश के लिए कही है, वह इस कोरोना की आपात स्थिति में दूसरी आपात स्थिति को निमंत्रण दे सकती है और पूरे देश की लाइट 24 से 48 घंटे के लिए गुल हो सकती है।
9 मिनट तक लाइट बंद होने से पूरे देश में ब्लैक आउट होने का खतरा किस तरह से है, आइए समझते है:-
जानकारी के मुताबिक अभी लॉक डाउन के कारण इंडस्ट्रियल लोड काफ़ी कम है और देश के सारे पॉवर प्लांट कम लोड पर चल रहे हैं। जब सप्लाई और डिमांड में गैप नहीं रहती तब ग्रिड फ्रीक्वेंसी 50 हर्ट्ज रहती है। सारे पॉवर प्लांट लगभग 50 हर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी पर चलते हैं। थोड़ा बहुत मांग और आपूर्ति में फ्लक्चुएशन होता रहता है तथा सभी आपस में सिंक्रोनाइज़्ड रहते हैं।
जब सप्लाई ज़्यादा और डिमांड कम हो जाती है तब फ्रीक्वेंसी 50 हर्ट्ज से ज़्यादा हो जाती है। अगर एक साथ पूरे देश में 9 मिनिट के लिए लाइट बंद की जाएगी तो डिमांड एकदम घट जाएगी और फ्रीक्वेंसी एकदम शूटअप होगी। इसी तरह एकदम लाइट चालू होने पर इसका उल्टा होगा, अर्थात अगर हम एक साथ लाइट चालू और बंद करेंगे तो ग्रिड डिस्टर्बेंस हो जाएगा और फ्रीक्वेंसी और वोल्टेज फ्लक्चुएशन से पॉवर प्लांट ट्रिप होने की संभावना बन जाएगी ।
चूँकी पॉवर प्लांट आपस में जुड़े रहते हैं तो एक के बाद एक पॉवर प्लांट बंद हो सकते हैं जिसके कारण ग्रिड फ़ेल हो सकती है और ग्रिड को रिस्टोर करने में 24 से 48 घंटे लग सकते हैं। जिससे इमरजेंसी सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित होंगी।
एक बार 30 एवं 31 जुलाई 2012 में इस प्रकार की स्थिति निर्मित हुई थी और आधे देश में अंधकार फैल गया था, तब मिनिस्ट्री ऑफ पॉवर ने एक्सपर्ट ग्रुप गठित किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट में इस तरह की परिस्थिति से हमेशा बचने की सलाह दी थी।
प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सभी प्रदेशों की पॉवर जनरेशन कंपनियाँ इस परिस्थिति को लेकर बेहद तनाव में हैं तथा कई प्रदेशों ने लिखित रूप में अपनी चिंता भी व्यक्त की है। अभी देश इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के इस लाइट बंद करने के आह्वान से कहीं जरूरी सेवाओं की बिजली आपूर्ति 24 से 48 घंटे के लिये न रुक जाए और दूसरी इमरजेंसी के हालात न उत्पन्न हो जाएँ।