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बंद कमरे में शरद यादव से मिले उपेंद्र कुशवाहा, मांझी और सहनी भी रहे मौजूद

पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आने के साथ साथ बिहार की राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होने लगी है। नेताओं का एक दूसरे से मुलाकात का सिलसिला बढ़ने के साथ ही राजनीतिक अटकलें भी तेज होने लगी है। इसी क्रम में महागठबंधन के घटक दल रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव से मुलाकात की। पटना के एक प्रतिष्ठित होटल के बंद कमरे में हुई मुलाकात के दौरान महागठबंधन के घटक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी भी मौजूद रहे। फिलहाल बंद कमरे में हुई इस मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई इसकी तस्वीर तो साफ नहीं है लेकिन इस मुलाकात के कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं।
बता दें कि एक प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा ने बीते गुरुवार को प्रस्ताव दिया था कि दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव को इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के “चेहरे” के रूप में पेश किया जाए। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बाहर रहते तो ठीक है पर वह आज बाहर नहीं हैं तो स्वभाविक रूप से एक ऐसा चेहरा चाहिए और उसमें शरद यादव जी हैं और जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो मुख्यमंत्री कौन होगा वह तो फिर मिलकर तय होगा। वही वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने शरद यादव को इस महागठबंधन में अपना अभिभावक करार देते हुए कहा कि शामिल एक अन्य दल विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने शरद के बारे में कहा, इनका 42 साल का राजनीतिक अनुभव है और वह जो भी राय देंगे निश्चित तौर पर हम लोग मानेंगे। जो भी राय देंगे, निश्चित तौर पर हमलोग मानेंगे। वहीं शरद यादव ने कहा कि मुझे जो भी जिम्मेवारी सौंपी गयी हमेशा सेवा देने में खुशी हुई। वहीं महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा पहले ही घोषित कर दिया है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा है कि तेजस्वी यादव का कोई विकल्प नहीं है।
गौरतलब है कि एक तरफ जहां बिहार एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा की है वहीं महागठबंधन के घटक दल तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को फिलहाल तैयार नहीं। ऐसे में शरद यादव से उपेंद्र कुशवाहा जीतन राम मांझी और मुकेश साहनी की मुलाकात महागठबंधन की दशा और दिशा निर्धारित करने में काफी अहम साबित हो सकता है।

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