बिहार : URDA ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- Covid के इलाज में रसूखदारों को मिल रही प्राथमिकता
पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी को लेकर इस समय पूरा देश कराह रहा है। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण देशभर के अस्पतालों में जगह कम पड़ रही है। कोरोना संक्रमित मरीज इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे हैं तो वहीं सरकारी अस्पतालों में वीआईपी कल्चर भी चरम पर है। सरकारी अस्पतालों में नेताओं, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और ब्यूरोक्रेट्स और उनके परिवार के लोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह बात हम नहीं बल्कि यूनाइटेड रेजीडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया के बिहार अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार का कहना है।
सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के मामले में बढ़ते वीआईपी कल्चर को लेकर URDA बिहार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाकायदा पत्र लिखकर इसका विरोध करते हुए मामले का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। URDA के बिहार अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी में मरीजों के इलाज के लिए अपने जीवन का खतरा मोल लेते हुए अग्रिम पंक्ति में खड़े डॉक्टरों को बदले में खुद की जांच के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, अगर जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाते है तो ना तो डॉक्टरों और न ही उनके परिवार के सदस्यों को अस्पताल में बेड या आईसीयू मुहैया हो रहा है। हालांकि राजनेताओं और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिनमें से अधिकतर ने राजनीतिक रैलियों के जरिए संक्रमण बढ़ाया है।
डॉ. विनय कुमार ने आगे लिखा कि कई सरकारी अस्पताल में कोरोनावायरस वीआईपी काउंटर बनाए गए हैं, जहां राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं और मंत्रालय के निजी संपर्क के लोगों की जांच की जा रही है जबकि डॉक्टरों की जांच के लिए कोई भी अलग से काउंटर नहीं है। इतना ही नहीं, सरकारी अस्पतालों में वीआईपी काउंटर होने के बावजूद बड़ी संख्या में राजनेता सरकारी डॉक्टरों को चिकित्सा अधीक्षक की अनुमति के बगैर अपने आवास पर इलाज के लिए बुला रहे हैं। इस कारण अस्पतालों के सीमित मैनपावर पर भी असर पड़ रहा है।
URDA के बिहार अध्यक्ष में कहा है कि एसोसिएशन इस मामले की कड़े शब्दों में निंदा करता है क्योंकि इससे कुरौना जैसी महामारी से लड़ाई लड़ रहे अग्रिम पंक्ति में खड़े बड़ी संख्या में लोगों का मनोबल घट रहा है। उन्होंने कहा कि इस वीआईपी कल्चर के खिलाफ लड़ाई में यूनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया FIAMA का समर्थन करता है। पत्र के अंत में URDA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।