केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित थी किसान परेड में हुई हिंसा- रालोसपा
पटना (जागता हिंदुस्तान) राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने केन्द्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि किसान गणतंत्र परेड में हुई हिंसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित थी।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद और राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने संयुक्त बयान जारी कर केन्द्र सरकार को नीयत पर सवाल उठाया है। रालोसपा का मानना है कि दो महीने से किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और केन्द्र सरकार उनके आंदोलन से डर गई थी। इसलिए उसने साजिश रची।
आजाद और मल्लिक ने सवाल उठाया कि लाखों किसान दिल्ली में आए लेकिन हिंसा नहीं हुई, पुलिस ने ही किसानों को परेशान किया। किसानों का एक जत्था आईटीओ या लाल किले तक कैसे पहुँचा। सरकार को इसका जवाब देना होगा। दोनों नेताओं ने कहा कि गृह मंत्रालय और खुफिया तंत्र या तो नाकाम रहा या फिर, एजंडे पर काम करते हुए दंगाइयों के एक गुट को लाल किले में दाखिल होने दिया गया। सवाल यह है कि सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे। किसान के नाम पर जो लोग सामने आए है वे भाजपा और आर.एस.एस से जुड़े है। यह साफ है। सोशल मीडिया पर उनकी फोटो वायरल है। रालोसपा ने किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी निंदा की और कहा कि सरकार दमनकारी नीति अपना रही है।
आजाद और मल्लिक ने दीप सिद्धू को अबतक गिरफ्तार न किए जाने पर हैरत जताई और कहा कि किसानों की मांगे जायज है और सरकार को उनकी मांगो को अविलंब माननी चाहिए। रालोसपा ने किसान नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की भी मांग की है।