Lockdown : घर से काम करने वाले रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है बड़ी समस्या- पारस अस्पताल
पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के 2 हफ्ते गुजर चुके हैं। लोग लगातार अपने घरों में हैं। छुट्टी के कारण ज्यादातर लोग टीवी या मोबाइल के साथ टाइम पास कर रहे हैं। ‘वर्क फ्रॉम होम’ के कारण कई लोग लगातार कई घंटे कंप्यूटर, मोबाइल या लैपटॉप पर काम कर रहे हैं। लगातार गर्दन झुका कर काम करने या मोबाइल पर चैट करने तथा शरीर के कई घंटों तक एक ही पोजीशन में रहने के कारण लोगों को गर्दन या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं का खतरा हो सकता है।
इस संबंध में पारस अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि शंकर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देशभर में जारी लॉकडाउन हम सब के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण हर कोई घर में है। इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हैं, जो तंत्रिका तंत्र (स्पाइन) और हड्डी रोग से जुड़े हैं। रविशंकर ने कहा कि वह ऐसे ही कुछ स्पाइन से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करना चाहते हैं, जिससे की लोग इन समस्याओं से बच सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में दो बेहद सामान्य साइड इफेक्ट हैं। इनमें रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से और गर्दन में दर्द की समस्या शामिल है।
डॉ. रविशंकर ने कहा कि वर्तमान में लॉकडाउन के कारण कई लोग वर्क फ्रॉम होम के तहत अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान वह यह भूल जाते हैं कि कई घंटों से वह एक ही पोजीशन में बैठे हैं। इतना ही नहीं घर से काम करने के कारण लोग अक्सर कई घंटों तक असामान्य पोजीशन में बैठे या लेटे रह जाते हैं, जिसके कारण उन्हें कमर में दर्द की समस्या शुरू हो सकती है या अगर पहले से समस्या है तो वह बढ़ सकती है।
डॉ. रवि शंकर ने कहा कि ऐसी समस्या से बचने के लिए हर 15-20 मिनट के बाद उठकर टहलना चाहिए या किसी एब्नार्मल पोजीशन में नहीं बैठना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी के समय में विशेष तौर पर किशोरों और युवाओं को मोबाइल पर घंटों चैट करते हुए देखते हैं। इस दौरान एक ही पोजीशन में रहने के कारण गर्दन में दर्द की समस्या काफी आम है जिसे ‘टेक्स्ट नेक सिंड्रोम’ (Text Neck Syndrome) या ‘एंटीरियर हेड सिंड्रोम’ (Anterior Head Syndrome) कहते हैं। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए हमें किशोरों और युवाओं को यह बताना चाहिए कि वह मोबाइल पर कम से कम चैट और टेक्स्ट करें या इस तरह से चैट और टेक्स्ट करें कि उनकी गर्दन लगातार झुकी रहने की बजाय सीधी रहे। डॉक्टर रविशंकर ने बताया कि गर्दन लगातार आगे की ओर जो कि रहने के कारण इस पर दबाव बढ़ता है और जिससे रीढ़ की हड्डी और गर्दन में दर्द की समस्या हो सकती है।
डॉक्टर रविशंकर ने कहा कि पारस एचएमआरआई अस्पताल की इमरजेंसी सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। कोई भी समस्या होने पर यहां आकर सलाह ली जा सकती है। इसके अलावा मोबाइल पर पारस अस्पताल का ऐप डाउनलोड कर भी मदद ली जा सकती है।
बता दें कि पटना का प्रसिद्ध पारस एचएमआरआई अस्पताल कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में पूरी तत्परता के साथ सहयोग में जुटा है। इससे पहले अस्पताल ने एक वीडियो जारी कर लोगों को कोरोमा के खिलाफ मिलकर लड़ने का संदेश दिया था।