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Lockdown Politics : कांग्रेस की 1000 बसों को योगी सरकार ने मंगवाया लखनऊ, तो मचा सियासी संग्राम

पटना (जागता हिंदुस्तान) प्रवासी मजदूरों के घर वापसी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार सियासी घमासान मचा हुआ है। इसी बीच बीते 16 मई को कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को एक हजार बसें भेजने की पेशकश के बाद से भाजपा कांग्रेस आमने-सामने हैं। 3 दिन गुजर जाने के बाद भी स्पष्ट रूप से अनुमति नहीं मिलने के मामले को लेकर कांग्रेस बेहद नाराज है।

कांग्रेस ने कहा है कि, “उत्तरप्रदेश भाजपा सरकार अपने राजनीतिक प्रतिशोध के नाम पर प्रवासी गरीब मजदूरों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। इस संकट के समय में यूपी के मुख्यमंत्री को झूठ बोलने की बजाए मजदूरों की दयनीय स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।”

वहीं, इस मामले को लेकर बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अभी भी तानाशाही रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि ये समय बहुत ही कठिन है, सरकार को ऐसे समय में राजनीति न करके मजदूरों को उनके घर भिजवाने की व्यवस्था करनी चाहिए। अगर कांग्रेस पार्टी इसमें सहयोग कर रही है तो सरकार को सहयोग लेने में क्या दिक्कत है।

ललन कुमार, पूर्व अध्यक्ष, बिहार युवा कांग्रेस।

बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पटना महानगर के पूर्व अध्यक्ष शाकिर अली ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी का रवैया कहीं से संतोषजनक नहीं है। वो ऐसा हर संभव प्रयास कर रहे हैं, जिससे हम थक कर बैठ जाएं और सरकार आराम से सिर्फ जुमलेबाज़ी करती रहे।

शाकिर अली।

बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी ने बीते 16 मई को गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर से पांच पांच सौ बसें चलाकर प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए यूपी सरकार से अनुमति मांगी थी। वहीं इसके 2 दिन बाद यूपी सरकार के गृह विभाग द्वारा पत्र लिखकर सभी बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ लखनऊ भेजने की बात कहने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।

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