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बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना ! पप्पू यादव फिर अलाप रहे कांग्रेस समर्थन का राग

पटना (जागता हिंदुस्तान) बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना! जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव इस मुहावरे को अक्षरशः चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं। दरअसल 32 साल पुराने किडनैपिंग के मामले में गिरफ्तार हुए पप्पू यादव लगभग पांच महीने बाद जेल से बाहर आने के बाद एक बार फिर कांग्रेस समर्थन का राग अलापने लगे हैं। हालांकि पप्पू यादव के इस कांग्रेस प्रेम में नियम एवं शर्तें लागू हैं। मतलब यह कि पप्पू यादव मुंगेर के तारापुर और दरभंगा के कुशेश्वर स्थान विधानसभा सीट के उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने की बजाय कांग्रेस को समर्थन देने की पेशकश कर रहे हैं। पप्पू यादव के खुद के उम्मीदवार नहीं उतारने का कारण तो पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के प्रत्याशियों का हश्र देखकर बखूबी समझ आता है। वहीं कांग्रेस समर्थन का राग भी पिछले विधानसभा चुनाव वाला ही है। पप्पू यादव पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस-कांग्रेस कह कर थक गए लेकिन कांग्रेस ने उनकी तरफ नजरें इनायत नहीं की। अब जबकि कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधायक के असामयिक निधन के बाद उपचुनाव की घड़ी आई है तो पप्पू यादव फिर से कांग्रेस की हिमायत हासिल करने में जुट गए हैं। इसके लिए वह हर तरह से कांग्रेस का समर्थन करने की दुहाई भी दे रहे हैं।

इतना ही नहीं, पप्पू यादव हर हाल में कांग्रेस और राजद की टूट देखना चाहते हैं। ये बात हम इसलिए भी कह रहे हैं, क्योंकि जाप सुप्रीमो कांग्रेस को आगे बढ़कर बिहार में मज़बूत विपक्ष की भूमिका अदा करने की नसीहत दे रहे हैं जो तभी संभव है जब महागठबंधन में टूट होकर राजद और कांग्रेस अलग-अलग राह पर चले। वहीं उपचुनाव में कांग्रेस के समर्थन के बदले राजद से उसकी राह जुदा देखना चाहते हैं। हालांकि बिहार कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार के उपचुनाव में भी पप्पू यादव के ऑफर में इंटरेस्टेड नजर नहीं आ रही। ये बात बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा के बयान ने भी लगभग साफ कर दी है। पप्पू यादव के कांग्रेस को समर्थन के सवाल पर डॉ मदन मोहन झा ने सीधे शब्दों में कहा कि कांग्रेस किसी से भी कंडीशनल (सशर्त) समर्थन नहीं लेती।

कुल मिलाकर कहा जाए तो जाप सुप्रीमो पप्पू यादव लंबे समय से राजनीतिक तौर पर बेहद विचलित नजर आ रहे हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि बीते दिनों लोजपा सांसद चिराग पासवान के सारथी बनने के लिए भी पप्पू यादव तैयार रहे हैं। विधानसभा चुनाव के समय जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी कर रहे थे।

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