Politics

काले कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार में भी सड़क पर उतरेंगे किसान- रालोसपा

पटना (जागता हिंदुस्तान) केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार के किसानों में भी गुस्सा बढ़ रहा है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के किसान चौपाल में बिहार के किसान अपने गुस्से का इजाहर खुल कर कर रहे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ रालोसपा का किसान चौपाल कार्यक्रम दो फरवरी से बिहार में शुरू हुआ. किसान चौपाल 28 फरवरी तक लगाई जाएगी.

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक, प्रदेश प्रवक्ता व महासचिव धीरज सिंह कुशवाहा, रालोसपा के कार्यकारी अधयक्ष बीके सिंह और संतोष कुशवाहा ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर दी. प्रेस कांफ्रेंस में किसान प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव रामशरण कुशवाहा, कार्यालय प्रभारी अशोक कुशवाहा और प्रदेश महासचिव भुनेश्वर कुशवाहा भी मौजूद थे.

किसान चौपाल की जानकारी देते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि पूरे बिहार के किसानों में इसका बेहतर संदेश गया है और रालोसपा व कार्यकर्ता उन्हें बताने में सफल हो रहे हैं कि इन कानूनों में क्या काला है. मल्लिक और धीरज ने बताया कि इन कृषि कानूनों में सफेद कुछ भी नहीं है, सच तो यह है कि पूरा कानून ही काला है और यह अगर पूरी तरह लागू हो गया तो किसान अपने खेतों में ही मजदूरी करने के लिए मजबूर हो जाएगा.

रालोसपा की किसान चौपाल शनिवार को गोपालगंज, बक्सर, मधुबनी, व मोतिहारी जिलों में लगाई गई. एक हफ्ते में करीब बीस जिलों में चौपाल लगाई जा चुकी है. संतोष कुशवाहा ने कहा कि वे बांका, जमुई, नवगछिया सहित कई जिलों का दौरा कर लौटे हैं और वहां किसानों में उबाल है. इन कृषि कानूनों के लेकर जल्द ही बिहार में भी किसान आंदोलन शुरू करने और सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहा है. बीके सिंह ने बताया कि शनिवार को पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के जन्मदिन को भी किसानों को समर्पित किया गया और जिलों में किसान चौपाल लगा कर कई जिलों में किसानों को सम्मानित किया गया. बुधवार को नालंदा के कतरीसराय प्रखंड में कई गांवों का रात्रि चौपाल लगाई जाएगी. इसके अलावा लखनौर के दीप पूर्वी बलौचा, लखनौर पूर्वी, अंधराथाड़ी, बंसवा, थाड़ी, भदवार, बाबूबरही, बरदाही. सनपताही, चकरघट्टा, खजौली, चतरा दक्षिण, कन्हौली व खजौली बाजार में चौपाल लगाई जाएगी, रालोसपा इन कानूनों की खामियों की चर्चा पार्टी के कार्यक्रम किसान चौपाल में कर रही है और किसानों व आम लोगों को बता रही है कि तीन कृषि कानून दरअसल किसानों के लिए डेथ वारंट है. इन कानूनों के जरिए केंद्र सरकार किसानों को गुलाम बनाने पर तुली हुई है. रालोसपा का किसान चौपाल बिहार में दो फरवरी को काले कृषि कानूनों की प्रतियां जला कर रालोसपा ने किसान चौपाल की शुरुआत की थी.

पार्टी नेताओं ने बताया कि बिहार में किसान जानना चाह रहे हैं कि इन कानूनों में ऐसा क्या है जिससे किसान आंदोलित है और दिल्ली की सीमा पर महीनों से आंदोलन चल रहा है. किसान इन कानूनों को लेकर रालोसपा नेताओं से सवाल कर रहे हैं और पार्टी के जिला प्रभारी व दूसरे नेता उनके सवालों का जवाब दे रहे हैं और उन्हें इन कानूनों से होने वाले नुकसान की जानकारी भी दे रहे हैं. पार्टी नेता और कार्यकर्ता गांवों के अलावा शहरों में भी बुद्धीजिवियों और छात्रों के अलावा समाज के वंचित तबके के बीच जाकर इन कानूनों की सच्चाई सामने रख रहे हैं और बता रहे हैं कि यह कानून किसानों को गुलाम बनाने वाला है. इससे किसानों के साथ-साथ समाज के दूसरे तबके का अहित होगा. किसान चौपाल बिहार के हर जिले में लगाई जा रही है और 28 फरवरी तक रालोसपा का यह कार्यक्रम चलेगा. रालोसपा ने दस हजार गांवों में किसान चौपाल लगाने का लक्ष्य तो रखा ही है इसके अलावा 25 लाख किसानों तक पहुंच कर इन कानूनों की जानकारी और जागरूक बनाने का भी लक्ष्य रखा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *