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एडवांटेज केयर जैसी संस्था की मदद करने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए- निखिल कुमार

पटना (जागता हिंदुस्तान) नागालैंड एवं केरल के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि एडवांटेज केयर जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद करने के लिए राज्य सरकार को भी आगे आना चाहिए। यहां वरिष्ठ आईएएस आमिर सुबहानी मौजूद हैं। वो मुख्यमंत्री से कुछ कहेंगे तो इसका असर होगा।

निखिल कुमार शुक्रवार को होटल मौर्या में एडवांटेज केयर के काॅफी टेबल बुक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थें। उन्होंने एडवांटेज सपोर्ट के सचिव खुर्शीद अहमद की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कहा, मैं जानता हूं आप यहीं नहीं रूकेंगे आगे बढ़ेंगे। हमलोगों की जिम्मेदारी बनती है कि हमलोग इसे सपोर्ट करें। हमलोगों ने देखा है कि यह संस्था कैसा काम कर रही है। कार्यक्रम को जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता डी.बी. गुप्ता ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेरणा प्रताप ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन फैजान अहमद ने किया। कार्यक्रम में विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, जयप्रभा मेदांता अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. रवि शंकर, मेदांता अस्पताल के ही डाॅ. प्रमोद, एशियन अस्पताल के राजिव रंजन, डाॅ. नफिस हैदर, डाॅ. आबिद, डाॅ. संजय, विणा गुप्ता, डाॅ. परवेज अख्तर आदि मौजूद थें।

गैर सरकारी संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण: डॉ. ए.ए. हई
एडवांटेज सपोर्ट के अध्यक्ष और एडवांटेज केयर जैसी संस्था की मदद करने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए: निखिल कुमार सर्जन डॉ. ए.ए. हई ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि मैं एडवांटेज ग्रुप को इसके स्थापना काल से जान रहा हूं और इससे जुड़ा रहा हूं। मैं इस गु्रप को इसके संस्थापक खुर्शीद अहमद के नेतृत्व में उभरते देखा हूं। एडवांटेज सपोर्ट वर्ष 2007 में स्थापित किया गया। इसके तहत कई ऐसे सामाजिक सरोकार के कार्य किए गए जो अमूमन पटना में देखने को नहीं मिलता था। एडवांटेज सपोर्ट ने सरकार के साथ मिलकर कई अभियान चलाए। जिसमें ट्रैफिक जागरूकता अभियान शामिल रहा। वर्ष 2012 में प्लास्टिक को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए ‘सुंदर पटना‘ अभियान की शुरुआत की गई। इस वर्ष के शुरुआत में विभिन्न मानवीय कार्यों के रूप में एडवांटेज केयर की शुरआत की गई, जिसमें मुफ्त एंबुलेंस सेवा, ऑक्सीजन हेल्प सेंटर और खाना का वितरण शामिल रहा। मेरा मानना है कि सरकार का स्थान कोई गैर सरकारी संगठन नहीं ले सकता है, लेकिन गैर सरकारी संगठन सुविधा मुहैया करानेवाला और उत्प्रेरक जैसी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एडवांटेज केयर यही कार्य कर रहा है।

ईश्वर ने दिया है तो उसे बांटना चाहिए: खुर्शीद अहमद
एडवांटेज गु्रप के संस्थापक और सीईओ खुर्शीद अहमद ने कार्यक्रम में शिरकत कर रहे आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने एडवांटेज केयर के कार्यों के बारे में अतिथियों को बताया। उन्होंने कहा कि अल्लाह या ईश्वर ने जो सलाहियत दी है उसे बांटना चाहिए। मैंने कोविड के दूसरी लहर में वही किया। ऊपरवाले का आशीर्वाद है कि हमने काफी लोगों की मदद की। इन कार्यों के लिए डॉ. एए हई ने काफी प्रोत्साहित किया। डॉ. हई ने ही एडवांटेज केयर के तहत हुए सामाजिक व मानवीय कार्यों को कॉफी टेबल का रूप देने की सलाह दी। मेरी सोच भविष्य में भी ऐसे नेक कार्य करने की है।

एडवांटेज केयर के अंतर्गत किए गए कार्य-

मुफ्त एंबुलेंसः एडवांटेज केयर ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पटनावासियों को दो एंबुलेंस मुफ्त में मुहैया कराया। एक कोरोना मरीज के लिए और दूसरा सामान्य रोगों के मरीज के लिए। यह एंबुलेंस ऑक्सीजन युक्त है। यह अभियान स्कूलों के साथ मिलकर चलाया गया।

अस्पताल की शुरुआतः हई फाउंडेशन के साथ मिलकर एडवांटेज केयर ने अररिया में मुफ्त अस्पताल शुरू किया है।

ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसेंट्रेटर उपलब्ध करायाः कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी महसूस की गई। इसी को देखते हुए प्रशासन के साथ मिलकर अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराया। ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भी लोगों को दिए गए।

टीकाकरण में सहयोगः एडवांटेज केयर ने लोगों को कोरोना के टीकाकरण के लिए जागरूक किया और 150 से ज्यादा लोगों को टीका दिलवाया।

हेल्थ एप की शुरुआतः एडवांटेज केयर के द्वारा हेल्थ एप की शुरुआत की गई। इससे मरीज बिहार और झारखंड के तीन शहरों के अस्पतालों में मौजूद बेड की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसेंट्रेटर और एंबुलेंस भी इससे बुक किया जा सकता है। इसमें और भी कई फीचर हैं।

खाना का वितरणः अस्पताल में मरीज के परिजन खाना तक नहीं खा पाते हैं। इसी को देखते हुए परिजनों के लिए खाना वितरण का प्रबंध एडवांटेज केयर के द्वारा किया गया।

अनाथ बच्चों को गोद लियाः एडवांटेज केयर ने दो अनाथ हो चुके बच्चों को गोद लिया।

जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजितः एडवांटेज केयर ने मिशन हेल्थ एंड मिशन एडवोकेसी के तहत कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया।

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