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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : GPO ने किया विशेष आवरण का विमोचन, महिला कर्मियों को भी किया सम्मानित

पटना (जागता हिंदुस्तान) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिला के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
भारतीय डाक विभाग, बिहार परिमंडल भी प्रत्येक वर्ष इसे महिलाओं के सम्मान के रूप में मनाते आ रहा है।

इसी क्रम में बिहार डाक परिमंडल के द्वारा आज (सोमवार) अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक विशेष आवरण का विमोचन किया गया। यह विमोचन बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार के द्वारा किया गया। इस अवसर पर अनिल कुमार ने बताया कि इस विशेष आवरण में भारत, विशेषकर बिहार, में नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका स्थापित करने की गाथा, चित्रों तथा डाक टिकटों के द्वारा दर्शायी गई है।

यहाँ यह संकल्पना सर्वस्वीकृत रही है कि- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः कियाः” ।। अपनी इस विरासत में मिली परंपरा को बिहार सदैव संपूर्णता से निभाता आ रहा है। यहाँ भूमिजा “सीता” जैसी महान विदुषी ने एक सक्षम वीरंगना के रूप में न केवल जनकपुर के साम्राज्य प्रबंधन में उत्कृष्ट भूमिका निभाई बल्कि एक गौरवपूर्ण इतिहास की रचना भी की। उसी प्रकार अपने समय की महान विदुधी “भारती” जैसी प्रबुद्ध महिला ने आदि गुरू शंकराचार्य को अपनी असीम विद्वता से पराजित किया, जो स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है कि बिहार में प्रारम्भ से ही समाज निर्माण में तथा उसे सही दिशा देने में नारी शक्ति एवं नारी शिक्षा का उत्कृष्ट योगदान रहा है। उसी दौर की एक और राशक्त नारी के स्नेह का अप्रतिम उदाहरण “सुजाता” के रूप में दिखाई देता है जो भगवान युद्ध की क्षुधा को गमला की खीर से तृप्त कर उन्हें ज्ञान प्राप्त करने में सहयोगी बनी। पुनः उसी प्रकार “आम्रपाली” एक महान नर्तकी तथा एक महान कलाकार होने के साथ ही जिन्होंने विश्व के पहले गणतंत्र वैशाली पर हुए आकमण के दौरान महारथी योद्धाओं को पराजित कर नारी गौरव के इतिहास को एक नई रचाई प्रदान की। ये सारे उदाहरण नारी सशक्तिकरण की पराकाष्ठा के प्रतीक हैं, जो भारत एवं बिहार की संस्कृति में सदा से मौजूद रहे है।

उन्होंने कहा कि इस विशेष आवरण का विरूपण, महिला के मुखाकृति से चित्रित किया गया है। इसके अलावा विशेष विरूपण बिहार के प्रत्येक प्रधान डाकघरों में भी की जा रही है।

इस अवसर पर उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए बिहार परिमंडल में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं को पुरस्कृत किया गया। इस पुरस्कार वितरण समारोह में महिला डाकिया, महिला कार्यालय सहायक महिला निरिक्षक, महिला शाखा डाकपाल आदि को सम्मानित किया गया। इसके अलावा बिहार के प्रत्येक प्रमडलों में भी महिला
कर्मचारियों को उत्कृट कार्य करने के लिए पुरस्कार वितरण किये जा रहे है।

इस अवसर पर महिलाओं को आर्थिक रूप से विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरे बिहार में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बिहार परिमण्डल के प्रत्येक मंडल में महिलाओं का खाता खोल कर उन्हें आर्थिक सबलता प्रदान करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। महिलाओं को सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए उन्हें डाक जीवन बीमा एवं ग्रामीण डाक जीवन बीमा का लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ-ही-साथ भारत सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं योजना के तहत बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के लिए गाँव-गाँव एवं घर-घर में संपर्क अभियान चलाया जा रहा है।

विमोचन समारोह में पोस्टमास्टर जनरल पूर्वी प्रक्षेत्र अनिल कुमार के अलावा बिहार के गणमान्य फिलाटेलिस्ट एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

बता दें कि महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देने के लिए केंद्रीय संचार व सूचना प्रोद्योगिकी विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद के द्वारा बिहार डाक परिमंडल में प्रथम बीपीएससी महिला डाकघर का उद्घाटन 21 सितम्बर
2019 को किया गया था, जहाँ की सभी कर्मचारी महिलाएं हैं। इसके अलावे सिविल लाईन डाकघर, एपी कॉलोनी,
गया एवं एजी रोड डाकघर, मुंगेर भी महिला डाकघर है जहाँ की सभी कर्मचारी महिलाएं हैं।

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