वर्ल्ड डायबिटीज डे: भारतीय युवाओं में बढ़ रहा डायबिटीज का ख़तरा- डॉ. नीरज सिन्हा
पटना (जागता हिंदुस्तान) पारस एचएमआरआई अस्पताल के डॉक्टर नीरज सिन्हा ने वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर बताया कि इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 72.9 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। हालांकि यह मेटाबोलिज्म संबंधी विकार हाल के दिनों में सभी आयु वर्ग के लोगों में बढ़ा है, लेकिन युवा आबादी में इसकी घटनाओं में 10% तक की ज्यादा वृद्धि देखी गयी है।
पिछले साल डॉक्टरों ने अपने ओपीडी में युवा मरीजों (30 से 50 साल वाले) की संख्या में वृद्धि देखी है। भारत में युवा आबादी में डायबिटीज के तेजी से बढ़ने का कारण मुख्य रूप से दिनचर्या में हुआ हानिकारक बदलाव है, इन बदलावों में खानपान पैटर्न में बदलाव, शरीर के वजन में बढ़ोत्तरी और
शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहना शामिल है। इसके अलावा देर से जांच कराना भी डायबिटीज मरीजोंकी बढ़ती संख्या के लिए बहुत बड़ा कारण है। यह भी देखा गया है कि डायबिटीज से महिलाओं की तुलनामें पुरुष इस बिमारी से ज़्यादा ग्रसित हैं
प्रमुख कारण:-
डायबिटीज धीरे-धीरे वैश्विक खतरा बनती जा रही है। यह एक महामारी बनती जा रही हैए इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता हैए युवाओ में डायबिटीज होने में निम्न फैक्टर प्रमुख भूमिका निभाते हैं:
• जीवनशैली में बदलाव
• शारीरिक गतिविधि की कमी
• धूम्रपान और ज्यादा शराब का सेवन
• पर्याप्त नींद न ले पाना
• बहुत ज्यादा तनाव का होना
• स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना
• हाई ब्लड प्रेशर
• मोटापा
मधुमेह के लक्षण:–
जो लोग मधुमेह से पीड़ित होते हैं उनमे नीचे बताये गए लक्षण एक साथ दिख सकते हैं या अकेले दिख सकते हैं:
• बार-बार पेशाब का आना- जब शरीर ग्लूकोज के बढ़े हुए लेवल को शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करता है तो बार-बार पेशाब लगती हैI
• प्यास ज्यादा लगना- बहुत ज्यादा पेशाब लगने से बहुत ज्यादा प्यास भी लग सकती है जोकि डायबिटीज का लक्षण हैंI
• थकान – शरीर में कोशिकाओं में अपर्याप्त शुगर होने से शरीर ज्यादा उर्जा बनाने में सक्षम नहीं हो पाता है इसलिए थकान लगती हैI
• वजन कम होना- चूंकि कोशिकाएं पर्याप्त ग्लूकोज को अवशोषित करने में असमर्थ होती हैं, इसलिए शरीर ऊर्जा के लिए फैट को जलाता है जिससे वजन कम होता है।
मधुमेह में कई सारी समस्यायें देखने को मिलती है, अगर इसे ठीक से नियंत्रित नहीं किया जाता है तो मुख्य रूप से निम्न चीजों को प्रभावित करता है:-
• आँख- रेटिनोपैथी या मोतियाबिंद के कारण देखने की क्षमता में कमी।
• किडनी – डायबिटीज किडनी की बीमारी होने का एक प्रमुख कारण है।
• नसें- डायबिटीज पेरिफेरल नसों को प्रभावित करता है और पैरों में जलन और अन्य लक्षणों को पैदा करता है।
• ह्रदय – डायबिटीज हार्ट अटैक एवं हार्ट फेलियर होने का प्रमुख कारण है।
• पैर में परेशानी- डायबिटीज के कारण दुनिया भर में हर 30 सेकंड में एक पैर को काटने की ज़रुरत पद जाती है।
सावधानियां:-
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और शुगर का इस्तेमाल सीमित कर दें या बंद कर दें: हाई शुगर और हाई कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ खाने से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है जिससे डायबिटीज हो सकती है। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट के बजाय साबुत अनाज, दलिया और सब्जियों जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना बेहतर होता है।
धूम्रपान न करें: धूम्रपान इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है। धूम्रपान छोड़ने से डायबिटीज का ख़तरा कम हो सकता है।
नियमित एक्सरसाइज करें: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और गतिहीन लाइफस्टाइल से बचना महत्वपूर्ण है। हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए शारीरिक गतिविधियाँ जैसे चलना, तैरना, साइकिल चलाना, योग आदि करना चाहिए । हालांकि बाहर बहुत अधिक स्मॉग या प्रदूषण होने पर आउटडोर गतिविधियों से बचना चाहिए।
भरपूर मात्रा में फाइबर का सेवन करें: खानपान में भरपूर मात्रा में फाइबर होने वजन सही रहता है और आंत का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। खानपान में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होने से इंसुलिन और ब्लड शुगर के लेवल में वृद्धि को रोका जा सकता है।
इंसुलिन की सही तकनीक: इंसुलिन को जितना हो सके ठंडा रखना जरूरी है, लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि यह फ्रोजन (जमना) नहीं चाहिए। बहुत ज्यादा गर्म या बहुत ज्यादा ठंडा होने पर इंसुलिन काम नहीं करता है। इसके अलावा ब्लड शुगर के लेवल के लिए टेस्टिंग करते समय टेस्टिंग पट्टी को ग्लूकोज मीटर में पूरी तरह से लगा देना चाहिए। टेस्टिंग से पहले अपने हाथ धोना जरूरी है। साथ ही खून का नमूना लेने के लिए उंगली को ज्यादा जोर से नहीं दबाना चाहिए।
पोस्ट कोविड डायबिटीज: कोविड से ठीक हुए मरीजों की स्वास्थ्य स्थितियों में डायबिटीज एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता के विषय रूप में उभरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्वस्थ खाने, रोजाना एक्सरसाइज करने और मानसिक तनाव से बचने से मरीजों को कोविड के बाद के डायबिटीज से उबरने में मदद मिल सकती है।