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पारस अस्पताल में मनाया गया वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे, पोस्टर प्रतियोगिता का भी हुआ आयोजन

पटना (जागता हिंदुस्तान) पारस एचएमआरआई अस्पताल में वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए। साफ-सफाई और मरीज की सुरक्षा को लेकर अस्पताल के नर्सिंग और अन्य कर्मियों ने एक नाटक प्रस्तुत किया। इसके माध्यम से इस बार वल्र्ड पेशेंट सेफ्टी डे के थीम को प्रस्तुत किया गया और लोगों में रोगी सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की गई। संदेश दिया गया कि कैसे हम साफ-सफाई और सही तरीका अपनाकर मरीजों की सुरक्षा का ध्यान रख सकते हैं। सभी विभाग के कर्मचारियों के बीच पोस्टर कॉम्पिटिशन भी आयोजित किया गया। फिर प्रमुख पोस्टर का डिस्प्ले भी किया। इसके माध्यम से भी मरीज की सुरक्षा का संदेश दिया गया।

गलत दवा की वजह से हजारों लोग मरते हैं:डॉ. एए हई

कार्यक्रम को पारस अस्पताल के सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. एए हई ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आॅकड़ों के अनुसार गलत दवा की वजह से हर वर्ष अमेरिका में हजारों लोग अपना जीवन खो देते हैं। काफी प्रयास के बाद भी यह स्थिति है। इसका कारण दवा का मिलता-जुलता नाम या एक तरह का उच्चारण होता है। इसकी वजह से मरीज को गलत दवा दे दी जाती है। अस्पताल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. तलत हलीम ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से वैश्विक स्तर पर लापरवाही से मरीजों की होनेवाली मृत्यु के बारे में बताया।

अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. जॉन मुखोपाध्याय ने कहा कि इलाज के दौरान बहुत सारी गलतियां होती हैं जिसे सही तरीके का पालन करके रोका जा सकता है। यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. अजय ने कई दृष्टांत देकर इलाज के दौरान होनेवाली गलतियों और उससे बचाव के बारे बताया।

इस बार का थीम-सुरक्षित मां और नवजात शिशु देखभाल
वल्र्ड पेशेंट सेफ्टी डे हर वर्ष 17 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी हितधारकों या स्टेक होल्डर से इस दिवस को मनाने की अपील की है। इस वर्ष इस दिवस का थीम, ‘सुरक्षित मां और नवजात शिशु देखभाल‘ या ‘सेफ मेटरनल एंड न्यू बोर्न केयर‘ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिदिन 810 महिला और 7000 नवजात शिशुओं की मौत होती है। इसी तरह हर साल 20 लाख बच्चे मृत पैदा होते हैं, जिसमें 40 प्रतिशत से अधिक प्रसव के दौरान काल के गाल में समा जाते हैं।

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