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20 लाख करोड़ के पैकेज से आत्मनिर्भर और श्रेष्ठ बनेगा भारत- राजीव रंजन

नालंदा (जागता हिंदुस्तान) प्रधानमन्त्री जी के राष्ट्र के नाम संबोधन की प्रशंसा करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राजीव रंजन ने कहा “ कल राष्ट्र को किये अपने संबोधन में प्रधानमन्त्री मोदी ने जिस तरह से कोरोना के बाद के भारत का खाका सबके सामने रखा है, वह आपदा को भी अवसर में बदलने की उनकी क्षमता को दिखाता है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के जिस संकल्प को उन्होंने सभी के समक्ष रखा है, वह भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की योजना में काफी अहम कड़ी के तौर पर काम करने वाला है.

उन्होंने कहा कि इस संकल्प के लिए उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, जो भारत की जीडीपी का करीब दस प्रतिशत है. इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का व्यापक संबल और सपोर्ट मिलेगा. मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने वाला यह आर्थिक पैकेज हमारे लघु कुटीर उद्योगों, गृह उद्योगों, हमारे लघु-मंझोले उद्योगों और हमारे MSME के लिए वरदान साबित होगा”.

राजीब रंजन ने कहा “ कोरोना के साथ जारी यह विश्वव्यापी लड़ाई अभी और लंबी चलने वाली है. इसमें संकट भी है और भविष्य के लिए मौके भी. प्रधानमन्त्री जी की दूरदर्शिता इन्ही मौकों की तरफ इशारा कर रही है. उनका उद्देश्य भारत को एक निर्माण हब बनाने का है. कोरोना संकट के कारण विश्व में अधिकांश जगह आर्थिक गतिविधियाँ ठप्प हैं. संकट के धीमे होते ही विभिन्न वस्तुओं की मांग एकाएक बढ़ेगी. ऐसे में जो देश आत्मनिर्भर होगा, पूरी दुनिया के बाजार अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए उसकी इर्द-गिर्द घुमने लगेंगे. मांग बढ़ने से उत्पादन में वृद्धि होगी, कच्चे माल की भी डिमांड बढ़ेगी, जिससे छोटे-छोटे उद्योग-धंधे मजबूत होंगे, भारत का निर्यात बढेगा और देश में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर तेजी से आगे बढेगा.”

उन्होंने कहा “ कोरोना से चल रही लड़ाई में भारत जिस मजबूत तरीके से खड़ा है, वह अनायास नहीं है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार द्वारा पिछले छह वर्षों में की गयी अथक मेहनत छिपी हुई है. मेरा सभी से आग्रह है कि जिस तरह से लोगों ने कोरोना संकट में अपनी एकजुटता दिखाई है, वैसी ही एकजुटता आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूर्ण करने में भी दिखाएं. तभी एक भारत श्रेष्ठ भारत का संकल्प पूर्ण हो पायेगा.”

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