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उधार के शब्द लेकर गलतबयानी करना तेजस्वी यादव के लिए पॉलिटिकल लग्ज़री- निखिल

पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा है कि तेजस्वी यादव द्वारा खगड़िया से दूसरे प्रांत में गये कुछ कामगार लोगों के सवाल पर तीन ट्वीट कर राजनीति का मुद्दा बनाने की कोशिश हास्यास्पद है। अप्रवासियों के सामाजिक- आर्थिक पहलू को समझे बिना तेजस्वी यादव का राजनीतिक बयान बिना जाने बूझे तीर चलाने के समान है।

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बिहार के अप्रवासी परिवारों के साथ देश के दूसरे राज्यों में सेटेल हैं। वहाँ से उनकी रोजी- रोटी आधार जुड़ा है, कई लोग नौकरियों में हैं और ऐसे सभी लोगों के बच्चे वहीं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। होली के पहले बहुत बड़ी संख्या में ऐसे जो भी लोग आये थे, वो जरूर जाना चाहते हैं। तेजस्वी के लिए गलत बयानबाजी करना एक राजनीतिक जरूरत या फिर पॉलिटिकल लक्ज़री की तरह है।

निखिल आनंद ने कहा कि सुनने में आया है कि लॉकडाउन में तेजस्वी अपने राजनीतिक गुरू मनोज झा जी से राजनीति शास्त्र का रिफ्रेशर कोर्स करने गए हैं। लेकिन ट्वीट में ‘रिवर्स माइग्रेशन’ और ‘फोर्स्ड पलायन’ जैसे शब्दों के प्रयोग से लगा कि अर्थशास्त्र भी पढ़ रहे हैं। अगर तेजस्वी भाई को अर्थशास्त्र ही पढ़ना था तो दिल्ली जाने की क्या जरूरत थी, हमारे डिप्टी सीएम सुशील मोदी जी से पढ़ लेते। अगर तेजस्वी उनसे अर्थशास्त्र पढ़ना चाहें तो इसके लिए सुशील मोदी जी कोई ट्यूशन फीस नहीं लेंगे।

भाजपा प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि बिहार सरकार किसी को भी जबरन नहीं बुला रही है और न ही किसी को भी भगा रही या जाने के लिए कह रही है। जितने भी लोग आयेंगे उनका ख्याल रखने और सेवा- सत्कार के लिए सरकार पूर्णत: तैयार एवं मुस्तैद है। देशभर के सभी बिहारी अप्रवासियों को बिहार सरकार अपना मानती है और उनकी मदद के लिए सदैव तत्पर है। बिहार में सभी अप्रवासियों का तहे दिल से स्वागत है। तेजस्वी उधार के शब्द लेकर गलतबयानी और बदजुबानी करना बंद करे।

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