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अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी पर घिरे योगी, बोले पूर्व IPS अमिताभ दास- चुल्लू भर ‘गंगाजल’ में डूब मरिए

पटना (जागता हिंदुस्तान) केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस साल मार्च में जबरन सेवानिवृत्त किए गए यूपी कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चौतरफा घिरने लगे हैं। इसी क्रम में बिहार काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी और बिहार विप्लवी परिषद के चेयरमैन आमितभ कुमार दास यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बाकायदा पत्र लिखकर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर निशाना साधा है।

अभिताभ दास ने अपने पत्र में लिखा है कि “दिनांक 27 अगस्त 2021 को सोशल मिडिया पर भी अभिताभ ठाकुर (1PS-92) की गिरफ्तारी के वीडियो वायरल हुए है। ठाकुर के साथ यूपी पुलिस ने गुंडों जैसा बर्ताव किया है, उन्हें चप्पल पहनने की भी अनुमति नहीं दी गई। दास ने लिखा कि ठाकुर ने हाल में ही आपके (योगी आदित्यनाथ) विरुद्ध चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेरे बैच (1994) के कई आईपीएस अधिकारी तैनात है, जिन्होंने मुझे बताया है कि आप (योगी आदित्यनाथ) ठाकुर (राजपूत) अपराधियों को खुल कर संरक्षण देते है। इसी वजह से माफिया डॉन राजा भैया (रघुराज प्रताप सिंह) के विरुद्ध कोई करवाई नहीं होती है। अमिताभ दास ने सवाल किया है कि राजा भैया को संरक्षण और अभिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी बताती है कि उत्तर प्रदेश में माफिया राज है। यदि आप (योगी आदित्यनाथ में थोड़ी लज्जा भी बची हो तो चुल्लू भर गंगा जल में डूब मरे। ये मेरा विनम्र सुझाव है।”

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस साल मार्च में जबरन सेवानिवृत्त किए गए यूपी कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर नई मुसीबत में फंस गए हैं। उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में यूपी पुलिस ने शुक्रवार को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया। अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई लोगों ने ट्वीट किया है। ट्वीट किए गए वीडियो में अमिताभ ठाकुर को उनके लखनऊ आवास के बाहर जबरन एक पुलिस जीप में ढकेला जा रहा है। ठाकुर ने इसका विरोध किया और जीप के अंदर बैठने से इनकार कर दिया। वह कहते सुनाई दे रहे हैं कि “जब तक आप मुझे प्राथमिकी नहीं दिखाएंगे, मैं नहीं जाऊंगा।”

दरअसल यह मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक 24 वर्षीय महिला की मौत से जुड़ा हुआ है। पीड़िता ने 2019 में बसपा सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाया था। पीड़िता और उसके पुरुष मित्र ने बीते 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के गेट के बाहर खुद को आग लगा ली थी। आग से बुरी तरह झुलसी पीड़िता की कुछ दिनों पहले दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। मई 2019 में महिला ने घोसी के सांसद अतुल राय के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने वाराणसी में अपने आवास पर उसके साथ बलात्कार किया था। अतुल राय ने एक महीने बाद आत्मसमर्पण कर दिया और तब से वह जेल में है।

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