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शिक्षा-स्वास्थ्य एवं रोजगार के सवालों को लेकर सड़क पर उतरा AISF, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

पटना (जागता हिंदुस्तान) शिक्षा-स्वास्थ्य एवं रोजगार के सवालों को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर कई जिलों में छात्र सड़कों पर उतरे और अपने आक्रोश जाहिर किया। प्राप्त सूचना के अनुसार बेगूसराय, समस्तीपुर, वैशाली, पटना, मधुबनी, दरभंगा, गया, सिवान, अरवल, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, जमुई, नवादा, बक्सर, छपरा, शेखपुरा, मधेपुरा सहित कई जिलों में सड़कों पर उतरे। समस्तीपुर में तो काफी देर तक समाहरणालय का गेट बंद कर प्रदर्शन किया। कहीं जिलाधिकारी से मुलाकात कर तो कई जगहों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।

सभी छात्रों को लैपटॉप, टेबलेट या स्मार्टफोन फ्री इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने, लॉक डाउन के दरम्यान का स्कूल-कोचिंग की फी,रूम रेंट एवं बिजली का बिल माफ करने तथा कमजोर संचालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने, एसटीईटी-दारोगा-सिपाही की परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई जाँच कराने, एसटीईटी परीक्षा मनमाने तरीके से रद्द करने के फैसले को वापस लेने, अपने घर लौटे मजदूरों को राज्य के अंदर काम उपलब्ध कराने, घर-घर अभियान चलाकर कोरोना जाँच कराए जाने एवं प्रखंड स्तर तक जाँच केंद्र खोलने,स्वास्थ्य का केरल मॉडल अपनाने की माँग छात्रों ने की। क्वारन्टीन केंद्रों की कुव्यवस्था को दूर करने, भगत सिंह रोजगार गारंटी कानून(BNEGA) लागू कर सभी को सम्मानजनक रोजगार देने,12 घंटे काम का फरमान वापस लेकर पुनः 8 घंटे काम के अधिकार को लागू करने, निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर उन्हें राष्ट्रीयकृत कर उनमें काम करनेवाले चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देने,बेगूसराय के दोहरे हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए संघर्षरत एआईएसएफ नेता ऋषभ के ऊपर किए गए फर्जी मुकदमे की वापसी एवं दोषियों को सजा आदि सवालों को लेकर प्रदर्शन किया और इन्हीं माँगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा।

राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दौरान एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार एवं राज्य अध्यक्ष रंजीत पंडित ने कहा कि आपदा में भी जश्न मना चुनाव की तैयारी कोई बीजेपी से सीखे। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ में से एक नियत हिस्सा शिक्षा-चिकित्सा एवं रोजगार पर जैसी बुनियादी जरूरतों पर भी नहीं दिखे तो समझिए कि अन्य मद में क्या खर्च होगा।

पटना में लंगरटोली चौराहे पर काफी देर तक प्रदर्शन हुआ। इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के जिला सह सचिव राहुल कुमार ने कहा कि महामारी के वक्त में स्कूल बंद है और सरकार 15 अगस्त के पहले स्कूल खोलने के मूड में सरकार नहीं है। जब ऑनलाइन हीं पढ़ाई चल रही तो इस अवधि में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई निर्वाध चलने के लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्ट फोन इंटरनेट कनेक्शन के साथ सरकार मुहैया कराए। लॉक डाउन की अवधि की स्कूल-कोचिंग फी, रूम रेन्ट एवं बिजली बिल माफ करने का आदेश सरकार दे और कमजोर संचालकों को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करे। जिला उपाध्यक्ष भाग्य भारती ने कहा कि जब पूरा देश कोरोना संकट से घिरा हुआ है। उस वक्त में स्वास्थ्य के केरल मॉडल ने रौशनी दिखाई है। एआईएसएफ के पीयू उपाध्यक्ष तौसीक आलम ने एसटीईटी, दारोगा, सिपाही एवं सभी धांधलीयुक्त परीक्षाओं की सीबीआई जाँच की माँग की।उन्होंने घर लौट रहे मजदूरों को राज्य के अंदर काम देने की माँग करते हुए भगत सिंह रोजगार गारंटी कानून लागू करने की माँग की।

इस मौके पर अमन कुमार, समीर कुमार ,दनियाल , यूसुफ आरिफ, रेयान ,सिकंदर, शरीक, नाज़िश ,अयान आलम सहित दर्जनों छात्र मौजूद थे।

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