चुनाव आयोग को विपक्षी दलों का संयुक्त ज्ञापन, कहा- महामारी फैलाने का जरिया नहीं बने चुनाव
पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार के विपक्षी दलों के राज्यध्यक्षों/सचिवों का हस्ताक्षरयुक्त संयुक्त ज्ञापन चुनाव आयोग, बिहार को सौंपा गया. इस संयुक्त ज्ञापन में विपक्षी दलों ने प्रमुख रूप से चुनाव के वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में चुनाव करवाने, जनता की व्यापक भागीदारी और चुनाव में पारदर्शिता, निष्पक्षता व विश्वसनीयता बनाए रखने की मांग की.
यह भी मांग की गई कि चुनाव आयोग को इस बात की गारंटी करनी चाहिए कि चुनाव कोरोना संक्रमण का बड़ा कारण न बन जाए.
ज्ञापन में कहा गया कि:-
- सभी दलों को समान अवसर मिले, वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में चुनाव हों. चुनाव आयोग यह बताए कि जिस राज्य में महज 37 प्रतिशत इंटरनेट सेवा की उपलब्धता है, वहां वर्चुअल तरीके से चुनाव कैसे हो सकता है? जाहिर है कि इसमें बड़ा भाग शहरों का ही है.
- धनबल के दुरुपयोग पर रोक लगे. भाजपा व जदयू अभी से वर्चुअल प्रचार में उतर चुके हैं.
- चुनाव की पारदर्शिता – विश्वसनीयता की रक्षा हो. पोस्टल बैलेट का दायरा बढ़ाने से चुनाव की पारदर्शिता खत्म हो जाएगी. बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलेट की बजाए प्राथमिकता के आधार पर अलग से बूथ बनाए जाएं.
- मतदान में व्यापक जनता की भागीदारी की गारंटी करें .
- चुनाव महामारी फैलाने का जरिया न बने. अभी सरकार के आदेश के मुताबिक किसी आयोजन में 50 से अधिक की भागीदारी नहीं हो सकती. तब क्या 1000 वोटरों वाला बूथ कोरोना फैलाने का जरिया नहीं बन जाएगा?
ज्ञापन पर कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा-माले; जगदानंद प्रसाद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राजद ; सत्यनारायण सिंह, सचिव, सीपीआई; अवधेश कुमार, राज्य सचिव, सीपीएम; बीएल वैश्यंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, हम; राजेश यादव, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, रालोसपा ने हस्ताक्षर किए। माले नेताओं के मुताबिक कांग्रेस व विकासशील इंसान पार्टी की भी सहमति है, लेकिन लॉकडाउन के कारण अचानक अस्त व्यस्तता के कारण उनके नेताओं का सिग्नेचर नहीं हो सका.
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में धीरेन्द्र झा, भाकपा-माले; अरूण कुमार मिश्रा, सीपीआईएम; विजय नारायण मिश्र, सीपीआई; राजेश यादव, रालोसपा; बीएल वैश्यंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, हम शामिल रहे।