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अपनी करनी का फल भोग रहे हैं महागठबंधन के घटक दल- राजीव रंजन

पटना (जागता हिन्दुतान) राजद द्वारा तवज्जो नहीं दिए जाने संबंधी, महागठबंधन से आ रहे बयानों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता व पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा है कि एनडीए से भरपूर सम्मान मिलने के बावजूद अपने स्वार्थ के लिए राजद के खेमे में जाने वाले दलों की चाल उल्टी पड़ चुकी है। राजद पर भरोसा करने की जो उन्होंने गलती की थी आज वह उसका अंजाम भोग रहे हैं। राजद का इतिहास गवाह है कि जिस पार्टी ने इनसे दोस्ती करने की भूल की है, राजद ने उसे पूरी तरह बर्बाद कर के रख दिया है।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस का उदहारण ही उठा लें तो कभी बिहार पर एकछत्र राज करने वाली यह पार्टी सिर्फ राजद के कारण आज पंचायत का चुनाव जीतने लायक भी नहीं रह गयी है। राजद की मित्रता के चक्कर में इन्होंने वजूद ही खत्म कर लिया। स्थिति यह है कि आज इनके प्रदेश के नेता भी राजद की मर्जी से तय होते हैं। इसी वजह से राजद का एक आम कार्यकर्ता भी कांग्रेस को उतनी तवज्जो नहीं देते हैं, जितना सहयोगी दलों के नेताओं को मिलनी चाहिए। इसके बावजूद महागठबंधन के नेता अगर उनसे सम्मान की उम्मीद करते हैं तो फिर उनका भगवान ही मालिक है।

राजीव रंजन ने कहा कि राजद आला दर्जे की सामंतवादी पार्टी है, जिसका विश्वास शुरुआत से ही लाठी के ज़ोर पर राजनीति करने का रहा है। वंशवाद के कारण इनकी पार्टी में एक ख़ास परिवार को छोड़ कर किसी अन्य को आदर देने का न तो कोई रिवाज रहा है और न ही ऐसी कोई आदत रही है।

भाजपा नेता ने कहा कि इसके बावजूद इनसे एनडीए जैसे आदर और सम्मान की अपेक्षा करना वैसा ही है जैसे सूरज के पश्चिम से उगने की उम्मीद करना. वास्तव में महागठबंधन के नेताओं ने कुर्सी पाने के लालच में, बिहार की जनता को बरगलाने की जो साजिश रची थी, आज वह उसका ही फल भोग रहे हैं।

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